"औषधीय और सुगंधित पौधे सभी के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए"
पादप आनुवंशिक संसाधन गतिविधियों के महत्वपूर्ण परियोजना में औषधीय और सगंधीय पौधों की जर्मप्लाज्म प्रलेखन और व्यापक संग्रह, मूल्यांकन, संरक्षण के लिए अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान परियोजना के सभी केन्द्रों पर प्राथमिकता के आधार पर लिया गया। इन गतिविधियों को राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी परियोजना में चल रहे पौध जैव विविधता के अधिदेश में भी शामिल किया गया है। अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान परियोजना के विविध केन्द्रों पर महत्वपूर्ण आनुवंशिक संग्रह में अश्वगंधा (48), जेरेनियम (6), ईसबगोल(47), खांसी कतेरी (7), लांगम पीपर (64), मुलैठी (5), सदाबहार (8), वलेरियान (40), खस (40), गुग्गल (50), हेनबैन (14), कचोलम (12), मुकुना (44), सफेद मूसली (52), घृतकुमारी (72), सतावरी (9), किरात (12), गिलोई (12) हेराक्लेयुम (10 ), चमेली (109), पचौली (7), सायलिबम (10) और कोलियस (13) अनुरक्षित हैं। इन अनुवंशक्रमों के मूल्यांकन और लक्षण प्रक्रिया में हैं।
अखिल भारतीय समन्वित औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान परियोजना के तहत संचालित बहुस्थानीय मूल्यांकन परीक्षणों के परिणामस्वरूप औषधीय पौधों की चौदह प्रजातियों के पच्चीस नए सुधार किस्मों और सगंधीय पौधों की छः प्रजातियों में सात किस्मों की पहचान की गई है।